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Working Hours Rules: सरकार ने तय किया वर्किंग ऑवर्स, जानिए अब कितने घंटे करना होगा काम

भारत में कॉर्पोरेट कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है! नारायण मूर्ति ने 70 घंटे और L&T के चेयरमैन ने 90 घंटे काम करने की सलाह देकर नई बहस छेड़ दी है। क्या इससे देश आगे बढ़ेगा या कर्मचारियों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ेगा? जानिए इस विवाद का पूरा सच

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Working Hours Rules: सरकार ने तय किया वर्किंग ऑवर्स, जानिए अब कितने घंटे करना होगा काम
Working Hours Rules: सरकार ने तय किया वर्किंग ऑवर्स, जानिए अब कितने घंटे करना होगा काम

देश में कॉर्पोरेट सेक्टर के कर्मचारियों के काम के घंटों को लेकर हाल ही में एक तीव्र बहस छिड़ी हुई है। इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी है, जबकि लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एस.एन. सुब्रह्मण्यम ने इसे बढ़ाकर 90 घंटे तक करने की बात कही है। इन बयानों ने कार्य-जीवन संतुलन और कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर गहन चर्चा को जन्म दिया है।

काम के घंटों को बढ़ाने की सलाह ने देश में एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है। जहां कुछ लोग इसे देश की प्रगति के लिए आवश्यक मानते हैं, वहीं अन्य लोग कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन पर इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। यह आवश्यक है कि इस मुद्दे पर सभी पक्षों की राय को ध्यान में रखते हुए संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए।

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नारायण मूर्ति की 70 घंटे काम करने की सलाह

नारायण मूर्ति ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के युवाओं को देश की प्रगति के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अपनी आकांक्षाएं ऊंची रखनी होंगी, क्योंकि 800 मिलियन (80 करोड़) भारतीयों को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 800 मिलियन भारतीय गरीबी में हैं। अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं हैं तो कौन कड़ी मेहनत करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इन्फोसिस में अपने कार्यकाल के दौरान 40 साल तक प्रति सप्ताह 70 घंटे से अधिक काम किया है।

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एस.एन. सुब्रह्मण्यम की 90 घंटे काम करने की वकालत

L&T के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “घर पर बैठकर आप क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? चलो, ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हुई।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सप्ताह में 35-40 घंटों से अधिक काम करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अधिक काम करने से हृदय रोग, स्ट्रोक, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

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नारायण मूर्ति की सफाई

विवाद बढ़ने पर नारायण मूर्ति ने स्पष्ट किया कि उनकी सलाह का उद्देश्य किसी पर दबाव डालना नहीं था। उन्होंने कहा, “किसी को जबरदस्ती लंबे समय तक काम करने के लिए नहीं कहा जा सकता। हर व्यक्ति को अपनी जरूरतों और स्थितियों के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए।”

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L&T की प्रतिक्रिया

L&T की एचआर हेड, सोनिका मुरलीधरन ने सुब्रह्मण्यम के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत समझा गया। उन्होंने कहा, “चेयरमैन का इरादा कर्मचारियों पर 90 घंटे काम करने का दबाव डालना नहीं था। उनके बयान को संदर्भ से हटकर प्रस्तुत किया गया है।”

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