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कुरान की बेअदबी पर सख्ती! पहली बार लागू हुआ बड़ा फैसला, जानें नया कानून

2023 में बने सख्त कानून के तहत दो लोगों पर लगा आरोप, धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर होगी कड़ी सजा। जानें, कैसे यह मामला भविष्य के लिए बनेगा मिसाल!

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कुरान की बेअदबी पर सख्ती! पहली बार लागू हुआ बड़ा फैसला, जानें नया कानून
कुरान की बेअदबी पर सख्ती! पहली बार लागू हुआ बड़ा फैसला, जानें नया कानून

डेनमार्क में पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान के अपमान पर सख्त कदम उठाए गए हैं। देश में दिसंबर 2023 में लागू हुए नए कानून के तहत, दो व्यक्तियों पर कुरान की बेअदबी करने के मामले में आरोप तय किए गए हैं। इन व्यक्तियों पर आरोप है कि उन्होंने जून 2024 में एक समारोह के दौरान कुरान का अपमान किया और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया। यह डेनमार्क में नए कानून के तहत दर्ज किया गया पहला मामला है, जिसने दुनियाभर में ध्यान खींचा है।

पवित्र ग्रंथों के अपमान पर कानून का प्रावधान

डेनमार्क सरकार ने दिसंबर 2023 में एक नया कानून पारित किया था, जिसके तहत सार्वजनिक रूप से या किसी प्रसारण के इरादे से पवित्र ग्रंथों का जलाना, फाड़ना या अपमान करना अपराध माना गया है। इस कानून के तहत दोषियों को जुर्माने से लेकर दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। बीते कुछ वर्षों में डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों में पवित्र ग्रंथों को जलाने और अपमानित करने की घटनाओं के बाद यह कानून लाया गया था।

जून 2024 की घटना, दो लोगों पर मुकदमा

डेनमार्क के स्थानीय अखबारों के अनुसार, यह घटना जून 2024 में एक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समारोह के दौरान हुई थी। इस दौरान इन दो व्यक्तियों ने कथित तौर पर कुरान का सार्वजनिक अपमान किया और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इस मामले में पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और अब आरोप तय किए गए हैं। हालांकि, आरोपियों की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

नया कानून और इसकी आवश्यकता

डेनमार्क और उसके पड़ोसी देश स्वीडन में बीते वर्षों में कुरान जलाने की घटनाएं सामने आई थीं। इन घटनाओं के बाद मुस्लिम देशों में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली इन घटनाओं को रोकने के लिए डेनमार्क सरकार ने यह सख्त कानून बनाया। यह कानून 7 दिसंबर, 2023 को पारित हुआ और कुछ दिनों बाद लागू किया गया। इसके बाद से सरकार और पुलिस ऐसे मामलों पर विशेष ध्यान दे रही है।

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डेनमार्क में पहला मामला, भविष्य की मिसाल

यह मामला डेनमार्क में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के कानून के तहत दर्ज किया गया पहला मामला है। विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत का फैसला भविष्य में इस तरह के मामलों के लिए मिसाल बनेगा। डेनमार्क सरकार इस कानून के जरिए देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और अपमानजनक घटनाओं पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और डेनमार्क की सख्ती

डेनमार्क में धार्मिक ग्रंथों के अपमान की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा है। मुस्लिम देशों ने ऐसी घटनाओं पर कड़ा विरोध जताया है, जिससे डेनमार्क की छवि पर प्रभाव पड़ा। इस कानून के जरिए सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट की है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा।

निष्कर्ष

डेनमार्क में लागू नए कानून के तहत दर्ज हुआ यह पहला मामला धार्मिक असहिष्णुता पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है। इस मुकदमे का फैसला न केवल डेनमार्क बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण हो सकता है।

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