
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) ने इस साल अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है, जो छात्रों के लिए राहत भरा साबित होगा। बोर्ड ने सप्लीमेंट्री परीक्षा को खत्म करते हुए एक नई प्रक्रिया लागू की है। इस प्रक्रिया के तहत फेल हुए छात्र चार महीने बाद फिर से परीक्षा में बैठ सकते हैं। इतना ही नहीं, जो छात्र पहले ही पास हो चुके हैं लेकिन अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें भी अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का अवसर मिलेगा।
फेल छात्रों के लिए नई उम्मीदें
एमपी बोर्ड के इस नए कदम के अनुसार, अगर कोई छात्र किसी भी विषय में फेल हो जाता है तो उसे अगले चार महीने के भीतर पुनः परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इस कदम से छात्रों को सप्लीमेंट्री परीक्षा की जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, यह उन छात्रों के लिए भी राहत है जो पास तो हो गए हैं लेकिन अपने स्कोर से खुश नहीं हैं। अब वे भी अपनी मर्जी से दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।
परीक्षा के टाइम टेबल में हुआ बदलाव
इस साल बोर्ड ने परीक्षा के टाइम टेबल में भी बदलाव किया है। रंगपंचमी के चलते 10वीं और 12वीं की कुछ परीक्षाओं की तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया है। 10वीं की विज्ञान विषय की परीक्षा और 12वीं की एनएसक्यूएफ (NSQF) एवं शारीरिक शिक्षा की परीक्षा अब 21 मार्च को आयोजित की जाएगी। परीक्षाएं सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक होंगी। छात्रों को इस बदलाव के संबंध में जल्द ही आधिकारिक नोटिफिकेशन भी मिलेगा।
बेहतर सुविधाओं के लिए नई व्यवस्था
परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्रों को अधिक सुविधाजनक बनाने की दिशा में इस बार बोर्ड ने विशेष ध्यान दिया है। परीक्षा केंद्र केवल उन्हीं स्कूलों में बनाए जाएंगे जहां वॉशरूम, पीने के पानी और सीसीटीवी कैमरे जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों। छात्रों को अब टाटपट्टी या जमीन पर बैठकर परीक्षा देने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
इसके लिए सरकार ने प्रत्येक जिले को 1-1 लाख रुपये का फंड आवंटित किया है। जहां फर्नीचर की कमी होगी, वहां पास के स्कूलों से फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी।
सुरक्षा के लिए सख्त प्रबंध
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए इस बार 3887 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 562 केंद्रों को संवेदनशील और अति संवेदनशील घोषित किया गया है। इन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के साथ विशेष सतर्कता बरती जाएगी। परीक्षा ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, परीक्षा केंद्र पर नकल रोकने के लिए छात्रों को किसी भी प्रकार की सामग्री जमा करने के लिए एक विशेष पेटी की व्यवस्था की जाएगी।
पेपर लीक रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी
पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए इस बार बोर्ड ने डिजिटल सुरक्षा का सहारा लिया है। सभी जिलों में एक केंद्रीय निगरानी केंद्र से परीक्षा की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। यह कदम परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।
अनुचित गतिविधियों पर सख्ती
फेक छात्रों और नकल को रोकने के लिए बोर्ड ने कई कड़े नियम लागू किए हैं। संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर सीसीटीवी के साथ-साथ अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग किया जाएगा। परीक्षा के दौरान अनुचित गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
17 लाख छात्र होंगे परीक्षा में शामिल
इस साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में लगभग 17 लाख छात्र शामिल होंगे। इन छात्रों के लिए यह नई व्यवस्था न केवल सुविधाजनक होगी, बल्कि उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने का भी अवसर प्रदान करेगी। परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
छात्रों के हित में ऐतिहासिक फैसला
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के ये नए नियम छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। बोर्ड का यह प्रयास छात्रों को न केवल परीक्षा के दौरान अधिक आत्मविश्वास देगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।