
घर के पास मंदिर का होना हर किसी के लिए शुभ नहीं माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि मंदिर की छाया घर पर पड़ती है, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। इस विषय पर कई मानक और नियम निर्धारित किए गए हैं, जिनके अनुसार घर के पास मंदिर का होना शुभ या अशुभ साबित हो सकता है। साथ ही, इसके समाधान के लिए कुछ विशेष उपाय भी सुझाए गए हैं।
मंदिर के पास घर होने के लाभ और हानि
आज के समय में हर व्यक्ति मानसिक शांति चाहता है। लोग अक्सर मानते हैं कि मंदिर के पास रहने से एक आध्यात्मिक और शांतिपूर्ण वातावरण बनता है, जो जीवन में सकारात्मकता लाता है। हालांकि, वास्तु शास्त्र इस विषय पर भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। इसके अनुसार, मंदिर के पास घर होने से कई बार सकारात्मक ऊर्जा बाधित हो सकती है।
मंदिर की छाया से उत्पन्न वास्तु दोष
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि सुबह के समय किसी मंदिर, बड़े भवन, पेड़ या पहाड़ की छाया आपके घर पर पड़ती है, तो यह शुभ नहीं माना जाता। इसे ‘छाया वेध’ कहा जाता है। छाया वेध से घर में सकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है और इसका असर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
विभिन्न मंदिरों की दूरी का महत्व
विभिन्न देवताओं के मंदिरों के पास घर होने पर अलग-अलग प्रकार के वास्तु दोष हो सकते हैं। उदाहरण के लिए घर शिव मंदिर से 750 मीटर के भीतर नहीं होना चाहिए। इसके प्रभाव से घर में कष्ट बढ़ सकता है। और आपका यदि घर भगवान विष्णु के मंदिर से 30 फीट के भीतर है, तो यह अमंगलकारी होता है।और देवी मंदिर के 180 मीटर के दायरे में घर होने से रोग दोष उत्पन्न हो सकते हैं। इसके आलावा हनुमान मंदिर के 120 मीटर के भीतर घर होने से भी वास्तु दोष हो सकता है।
समरांगण वास्तु शास्त्र का सिद्धांत
समरांगण वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर किसी शिव मंदिर के 300 मीटर के भीतर स्थित है, तो यह अशुभ प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, भवन की उल्टे हाथ की दिशा में देवी माता का मंदिर होना भी हानिकारक हो सकता है। यदि घर के पीछे भगवान विष्णु या उनके किसी अवतार का मंदिर है, तो इसे गंभीर वास्तु दोष माना जाता है।
मंदिर से उत्पन्न वास्तु दोष के समाधान
यदि आपके घर के पास मंदिर है और इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो रहा है, तो इसके लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं: जैसे घर के जिस दिशा में शिव मंदिर है, वहां भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। और यदि घर के ठीक सामने शिव मंदिर है, तो मुख्य द्वार के नीचे तांबे के सर्प का जोड़ा गाड़ दें। इसके आलावा घर के पास भैरवनाथ का मंदिर है, तो रोज सुबह मुख्य द्वार पर कौवे को रोटी डालें। साथ में देवी मंदिर के पास घर होने पर उनके अस्त्र का प्रतीक मुख्य द्वार पर स्थापित करें। इससे वास्तु दोष कम हो सकता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मंदिर की छाया का प्रभाव
प्रातः काल सूर्य की किरणें सकारात्मक ऊर्जा का मुख्य स्रोत होती हैं। यदि किसी बड़े भवन, मंदिर या पेड़ की छाया आपके घर पर सुबह के समय पड़ती है, तो यह ऊर्जा घर तक नहीं पहुंच पाती। यही कारण है कि वास्तु शास्त्र में इसे दोषपूर्ण माना गया है।
निष्कर्ष
Vastu Tips for Temple के अनुसार, मंदिर के पास घर होने का निर्णय लेते समय वास्तु शास्त्र के नियमों को ध्यान में रखना आवश्यक है। यदि आपका घर मंदिर के पास है और वास्तु दोष का सामना कर रहा है, तो आप इन उपायों का पालन करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।