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नई रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए इन 18 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, देखें लिस्ट Indore Manmad Rail Line Project

महू के 18 गांवों की जमीन का अधिग्रहण शुरू, आदिवासी इलाकों तक पहली बार पहुंचेगी ट्रेन। हर साल 900 करोड़ का राजस्व और 50 लाख यात्रियों की सफर सुविधा—जानिए इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट की पूरी कहानी!

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नई रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए इन 18 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, देखें लिस्ट Indore Manmad Rail Line Project
नई रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए इन 18 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, देखें लिस्ट Indore Manmade Rail Line Project

इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन प्रोजेक्ट में एक बड़ा कदम उठाया गया है। बहुप्रतीक्षित इस परियोजना के तहत अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह रेल लाइन मध्य प्रदेश के तीन जिलों के 77 गांवों से होकर गुजरेगी। इसके जरिए धार, खरगोन और बड़वानी जिले के आदिवासी क्षेत्रों में पहली बार रेल सेवाओं का प्रवेश होगा।

रेल मंत्रालय ने इंदौर जिले के महू तहसील के 18 गांवों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे इंदौर और मुंबई के बीच की दूरी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। यह प्रोजेक्ट क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को एक नई दिशा देने वाला है।

आदिवासी क्षेत्रों तक पहली बार पहुंचेगी रेल सेवा

इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इस नई रेल लाइन के बनने से धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी क्षेत्रों से पहली बार रेल सेवा गुजरेगी। इससे लगभग 1,000 गांवों की 30 लाख से अधिक की आबादी को सीधा लाभ होगा।

परियोजना के पूरा होने के बाद 16 जोड़ी यात्री ट्रेनों का संचालन होगा, जिससे शुरुआती वर्षों में करीब 50 लाख लोग सफर करेंगे। इसके अलावा, रेलवे को हर साल 900 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा। यह क्षेत्रीय विकास को गति देने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी

रेल मंत्रालय ने नवंबर 2024 में 77 गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद जनवरी 2025 में महू तहसील के 18 गांवों की जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू की गई। जिन गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उनमें खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, केलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराडिया और महू केंटोमेंट एरिया शामिल हैं।

इसके साथ ही, महाराष्ट्र के धुले और शिंदखेड़ा में भी जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है।

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इंदौर और मुंबई के बीच दूरी होगी कम

इस नई रेल लाइन के पूरा होने के बाद इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी। इससे यात्रा में समय की बचत होगी और माल परिवहन की लागत में भी कमी आएगी। यह प्रोजेक्ट औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

सांसद शंकर लालवानी ने इस परियोजना को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि यह इंदौर और मनमाड़ के बीच बहुप्रतीक्षित परियोजना है। उन्होंने बताया कि आगामी बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए बड़े वित्तीय प्रावधान की संभावना है।

रेलवे को मिलेगा भारी राजस्व

परियोजना के पूरा होने के बाद रेलवे को हर साल 900 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलेगा। इसके अलावा, मालवाहक गाड़ियों के जरिए औद्योगिक क्षेत्रों और बंदरगाहों तक पहुंच बनाना आसान होगा। इससे न केवल रेलवे को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

ऐतिहासिक पहल: होलकर काल से चली आ रही योजना

इस रेल परियोजना का इतिहास भी काफी रोचक है। यह प्रोजेक्ट पहली बार 1918 में होलकर काल के दौरान प्रस्तावित किया गया था। अब, 100 से अधिक वर्षों के बाद, इसे धरातल पर लाने के लिए काम शुरू हो गया है।

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