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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूर जानें ये जरूरी बातें! वरना हो सकता है भारी नुकसान

अगर आप घर या ज़मीन खरीदने जा रहे हैं, तो जानिए वो जरूरी दस्तावेज़ जिन्हें नज़रअंदाज करना पड़ सकता है महंगा! रजिस्ट्री, एनओसी, टाइटल डीड और और क्या हो सकता है खतरे का कारण, पूरी जानकारी यहां पढ़ें।

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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूर जानें ये जरूरी बातें! वरना हो सकता है भारी नुकसान
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूर जानें ये जरूरी बातें! वरना हो सकता है भारी नुकसान

प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा और महंगा निर्णय होता है, जिसे हर किसी को बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए। यदि आप घर या ज़मीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह बेहद जरूरी है कि आप सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच करें। सही जानकारी की कमी के कारण संपत्ति से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं, और ऐसे में फर्जी दस्तावेजों का शिकार होना कोई बड़ी बात नहीं है। इसलिए, यह समझना जरूरी है कि किस तरह से रजिस्ट्री, खतौनी, नक्शा, एनओसी, टाइटल डीड और सेल डीड जैसे महत्वपूर्ण कागजातों की जांच की जाती है।

प्रॉपर्टी खरीदते समय कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं?

जब भी आप कोई संपत्ति खरीदने का निर्णय लेते हैं, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप सभी जरूरी दस्तावेजों को जांच लें। इनमें प्रमुख दस्तावेज शामिल हैं टाइटल डीड, रजिस्ट्री, एनओसी, सेल डीड, एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट आदि।

टाइटल डीड: यह दस्तावेज संपत्ति के मालिकाना हक को प्रमाणित करता है। यह पुष्टि करता है कि जिस व्यक्ति से आप संपत्ति खरीद रहे हैं, वह उसके असली मालिक हैं। टाइटल डीड को सही से सत्यापित करना बहुत महत्वपूर्ण है, और इसके लिए आपको स्थानीय राजस्व विभाग से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

रजिस्ट्री और सेल डीड की पुष्टि: जब आप कोई संपत्ति खरीदते हैं, तो रजिस्ट्री और सेल डीड का होना बेहद जरूरी होता है। यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति का लेन-देन वैध है और किसी प्रकार की कानूनी विवाद में नहीं है।

एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र): यह दस्तावेज यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर किसी भी प्रकार का कानूनी विवाद नहीं है, और संपत्ति को आसानी से खरीदी और बेची जा सकती है। एनओसी एक अहम दस्तावेज होता है, और इसके बिना संपत्ति की खरीदारी करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट: इस दस्तावेज़ से यह पता चलता है कि संपत्ति पर किसी प्रकार का कर्ज या बंधक नहीं है। एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट यह भी बताता है कि संपत्ति पर कोई वित्तीय दवाब नहीं है।

प्रॉपर्टी खरीदते समय ध्यान रखने योग्य अन्य बातें

अगर किसी विक्रेता द्वारा जरूरी दस्तावेजों को दिखाने से इनकार किया जाता है, तो यह एक बड़ा लाल झंडा हो सकता है। ऐसे मामलों में आपको बहुत सतर्क रहना चाहिए। दस्तावेजों को जांचे बिना कोई भी प्रॉपर्टी खरीदना जोखिमपूर्ण हो सकता है।

नाम की गलतियाँ: अक्सर प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में नाम की गलतियाँ हो जाती हैं, जैसे कि नाम की स्पेलिंग गलत हो जाना। इस प्रकार की गलतियाँ भविष्य में कानूनी समस्याओं का कारण बन सकती हैं, इसलिए इन्हें नजरअंदाज न करें।

पैन और आधार कार्ड की जानकारी: प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में पैन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी सही होनी चाहिए। अगर इनमें कोई भी विसंगति पाई जाती है, तो यह संपत्ति के खरीदने में रुकावट डाल सकती है।

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प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें: यह दस्तावेज यह प्रमाणित करता है कि संपत्ति पर टैक्स समय पर और सही तरीके से भरा गया है या नहीं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि संपत्ति पर किसी प्रकार का टैक्स बकाया नहीं है।

स्वामित्व का प्रमाण पत्र: यह दस्तावेज यह दिखाता है कि संपत्ति के असली मालिक कौन हैं और यह संपत्ति कानूनी रूप से वैध है या नहीं।

कानूनी विवाद की स्थिति: संपत्ति पर कोई भी कानूनी विवाद हो सकता है, जैसे कि अदालत में मामला चल रहा हो या फिर संपत्ति के खिलाफ कोई केस हो। ऐसी स्थिति में उस संपत्ति की खरीदारी करना जोखिमपूर्ण हो सकता है, इसलिए यह जानना जरूरी है कि क्या संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद है।

पजेशन लेटर: अगर आप कोई नई प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो डेवलपर से पजेशन लेटर प्राप्त करना बेहद जरूरी है। यह लेटर यह पुष्टि करता है कि आपको संपत्ति पर अधिकार मिल चुका है।

बेनामी संपत्ति: बेनामी संपत्ति वह होती है, जिसे वैध तरीके से खरीदी और बेची नहीं जा सकती। इसे खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

धोखाधड़ी से बचने के उपाय

प्रॉपर्टी खरीदते समय धोखाधड़ी से बचने के लिए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप संपत्ति को खुद जाकर देखें। इससे आपको संपत्ति की असलियत का पता चलेगा। साथ ही, संपत्ति के सभी दस्तावेजों को संबंधित राजस्व विभाग या नगर निगम से जांचना भी बेहद जरूरी है।

अगर आप पहली बार संपत्ति खरीद रहे हैं, तो आपको एक संपत्ति के वकील (Property Lawyer) से सलाह लेनी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी संपत्ति खरीदारी कानूनी रूप से सही है और आपको भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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