
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना देश के करोड़ों किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण वित्तीय सुविधा है, जिससे वे अपनी खेती की जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं। केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली ऋण सीमा को बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया है। पहले किसान 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। हालांकि, किसानों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि इस लोन पर उन्हें कितनी ब्याज दर चुकानी होगी?
किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर कितनी?
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को 7% की ब्याज दर पर लोन मिलता है। यह लोन अधिकतम 5 वर्षों के लिए दिया जाता है और किसानों की कृषि संबंधी जरूरतों जैसे बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि उपकरण आदि की खरीद में सहायक होता है। हालांकि, सरकार इस योजना के तहत किसानों को ब्याज पर सब्सिडी भी प्रदान करती है। अगर किसान समय पर अपने लोन की किश्तों का भुगतान करता है, तो उसे सरकार की ओर से 3% की ब्याज सब्सिडी मिलती है। इसका अर्थ यह है कि किसान को वास्तविक रूप से केवल 4% ब्याज ही चुकाना पड़ता है।
किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत और इसका उद्देश्य
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की शुरुआत साल 1998 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि कार्यों के लिए त्वरित और आसान ऋण उपलब्ध कराना था, ताकि वे अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इस कार्ड की मदद से किसान बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि उपकरण खरीद सकते हैं और समय पर खेती के लिए जरूरी संसाधन जुटा सकते हैं। आज की तारीख में देशभर में 7.5 करोड़ से अधिक किसान इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
सरकार ने इस योजना को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की है। अब किसान न केवल अपने नजदीकी बैंक में जाकर आवेदन कर सकते हैं, बल्कि इंटरनेट के माध्यम से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
केंद्रीय बजट 2025 में बढ़ाई गई ऋण सीमा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में किसान क्रेडिट कार्ड के तहत दी जाने वाली लोन राशि की सीमा को बढ़ाने की घोषणा की है। पहले किसानों को अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। यह फैसला विशेष रूप से छोटे और मझोले किसानों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि वे अपनी खेती के लिए अधिक पूंजी जुटा सकें और अपनी उपज की गुणवत्ता को सुधार सकें।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया
अब किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को भी बेहद सरल बना दिया गया है। किसान इसे अपने नजदीकी बैंक से या ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
- भूमि स्वामित्व के दस्तावेज
- बैंक खाता विवरण
एक बार आवेदन करने के बाद, बैंक द्वारा दस्तावेजों की जांच की जाती है और मंजूरी मिलने के बाद किसान को क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़े नवीनतम सुधार और फायदे
सरकार लगातार किसान क्रेडिट कार्ड योजना को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न सुधार कर रही है। हाल ही में, लोन राशि की सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है, जिससे छोटे और मझोले किसानों को अधिक वित्तीय सहायता मिल सके। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है, ताकि किसानों को आसानी से ऋण मिल सके। इसके अलावा, समय पर भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में सब्सिडी दी जा रही है, जिससे उन्हें 7% की जगह केवल 4% ब्याज चुकाना पड़ता है। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाली ऋण सुविधा से किसानों को तत्काल पूंजी मिलती है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकते हैं। इस योजना के तहत लचीली पुनर्भुगतान प्रणाली भी दी जाती है, जिससे किसान अपनी फसल की कटाई और बिक्री के अनुसार लोन चुका सकते हैं। साथ ही, कई बैंक किसानों को इस कार्ड के साथ दुर्घटना बीमा और फसल बीमा जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।