
महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना इन दिनों चर्चा का प्रमुख विषय बनी हुई है। इस योजना का लाभ ले रही महिलाओं की जांच शुरू कर दी गई है, जिसके बाद कई लाभार्थियों के नाम काटे जा सकते हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस संबंध में साफ चेतावनी देते हुए कहा है कि जो लोग टैक्स देते हैं, वे इस योजना का लाभ उठाने से बचें। उन्होंने अपील की है कि अपात्र लोग अपनी इक्छा से योजना से अपना नाम वापस ले लें।
टैक्स देने वाले भी ले रहे हैं योजना का लाभ: अजित पवार
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि लाडकी बहिन योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद महिलाओं की मदद करना है। लेकिन जांच में पाया गया है कि टैक्स देने वाले परिवार भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं। पवार ने ऐसे परिवारों को खुद से योजना का लाभ छोड़ने की सलाह दी है, ताकि इस योजना की सहायता सही तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
अजित पवार ने साफ तौर पर कहा कि अगर कोई परिवार आर्थिक रूप से संपन्न है और टैक्स भरता है, तो उन्हें इस योजना से स्वेच्छा से हट जाना चाहिए। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि अपात्र महिलाओं ने इस योजना से अपना नाम वापस नहीं लिया, तो सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
शिकायतों के बाद शुरू हुई जांच
राज्य सरकार को इस योजना के तहत अपात्र महिलाओं के लाभ लेने की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद लाभार्थियों की विस्तृत जांच शुरू की गई। अधिकारियों ने कहा है कि इस जांच के बाद योजना के नियमों का पालन न करने वाले लाभार्थियों के नाम हटाए जाएंगे।
अजित पवार ने कहा, “यह योजना गरीब और वंचित महिलाओं के लिए बनाई गई है। हमारा उद्देश्य है कि इसकी सहायता सही लोगों तक पहुंचे। अपात्र लाभार्थियों को खुद ही योजना से हट जाना चाहिए।”
पात्र महिलाओं के लिए जल्द शुरू होगी किस्त
महिलाओं को इस योजना की अगली किस्त का बेसब्री से इंतजार है। डिप्टी सीएम अजित पवार ने भरोसा दिलाया कि पात्र महिलाओं को 26 जनवरी तक हर महीने ₹1,500 की राशि मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रक्रिया को तेज करने और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पात्र महिलाओं के लिए यह योजना आर्थिक सहारा बन गई है। लेकिन अपात्र लोगों के लाभ उठाने के कारण वास्तविक जरूरतमंदों तक इसका लाभ पूरी तरह से नहीं पहुंच पा रहा है।
लाडकी बहिन योजना की शुरुआत और उद्देश्य
महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना को 2024 के अगस्त महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुरू किया था। इस योजना के तहत, उन महिलाओं को ₹1,500 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाना है।
इस योजना के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। जिन महिलाओं के घर में चार पहिया वाहन है या जिनके परिवार में दो महिलाएं पहले से इस योजना का लाभ ले रही हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। लेकिन अब जांच में पाया गया है कि कई अपात्र महिलाएं इन नियमों को दरकिनार कर लाभ उठा रही हैं।
विपक्ष ने खड़े किए सवाल
लाडकी बहिन योजना शुरुआत से ही विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रही है। विपक्ष ने इस योजना के कार्यान्वयन और लाभार्थियों की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि सरकार को इस योजना के तहत सही लाभार्थियों की पहचान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
डिप्टी सीएम की अपील: जरूरतमंदों को ही मिले योजना का लाभ
डिप्टी सीएम अजित पवार ने जोर देकर कहा कि यह योजना केवल उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें वास्तव में आर्थिक सहायता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टैक्स भरने वाले परिवारों को खुद समझदारी दिखानी चाहिए और योजना का लाभ छोड़ देना चाहिए।
सरकार की सख्ती से बढ़ी चिंता
जांच और डिप्टी सीएम के बयानों के बाद कई महिलाओं के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। जो महिलाएं नियमों के विपरीत इस योजना का लाभ ले रही हैं, उनके नाम हटाए जाने की संभावना है।