
रांची। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अब अनिवार्य कर दिया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना का लाभ उठाने वाली सभी महिलाओं को न केवल आधार कार्ड उपलब्ध कराना होगा, बल्कि उन्हें आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा।
आधार के बिना पंजीकरण असंभव
इस योजना के तहत, जिन महिलाओं के पास आधार संख्या नहीं है, उन्हें पंजीकरण करने से पहले आधार नामांकन के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। आधार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में, सरकार ने यह व्यवस्था की है कि लाभुकों को 10 निर्धारित पहचान पत्रों में से किसी एक को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी योग्य लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त हो।
आधार प्रमाणीकरण में असफलता पर विशेष उपाय
अधिसूचना में यह भी प्रविधान किया गया है कि ऐसे मामले, जहां लाभार्थियों के बायोमेट्रिक्स खराब होने या अन्य किसी कारण से आधार प्रमाणीकरण विफल हो जाता है, वहां अन्य उपाय अपनाए जाएंगे। खराब फिंगरप्रिंट गुणवत्ता के मामलों में आइरिस स्कैन या चेहरे की प्रमाणीकरण प्रक्रिया का उपयोग किया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी पात्र महिला योजना के लाभ से वंचित न रह जाए।
राशि हस्तांतरण की संभावित तिथि
इस योजना के तहत जनवरी महीने की किस्त 28 या 29 जनवरी को लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित हो सकती है। जिलों में लाभुकों के सत्यापन और डेटा अपडेट करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
त्रुटियों को सुधारने की मांग को लेकर प्रदर्शन
कोडरमा में मंईयां सम्मान योजना के आवेदन में हो रही त्रुटियों को सुधारने के लिए झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन (सीटू) के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने सदर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समक्ष नारेबाजी करते हुए पोर्टल चालू करने और नए आवेदन स्वीकार करने की मांग की।
सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना के कारण महिलाओं ने हेमंत सरकार के पक्ष में वोट दिया था, लेकिन अब राज्य की हजारों महिलाएं इस योजना से वंचित हैं।
ऑनलाइन त्रुटियों से सैकड़ों महिलाएं परेशान
ऑनलाइन आवेदन में बैंक खाता और आइएफएससी कोड गलत भरे जाने के कारण कई लाभार्थियों का भुगतान रुका हुआ है। सैकड़ों महिलाएं हर दिन त्रुटियों को ठीक कराने के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन निराश होकर लौट रही हैं।