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सरकार ने जारी किया आदेश, सरकारी कर्मचारियों को हेलमेट व सीट बेल्ट लगाना हुआ अनिवार्य, निर्देश जारी

सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ते मौतों के मामलों पर सख्ती, पालन न करने पर होगी कार्रवाई। जानें क्यों राज्य सरकार ने उठाया ये कदम!

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रायपुर। सड़क दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ रही मौतों और गंभीर चोटों के मामलों ने छत्तीसगढ़ सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। हाल ही में राज्य सरकार ने सभी शासकीय कर्मियों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा इस संबंध में जारी किए गए निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और शासकीय कर्मियों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सड़क दुर्घटनाओं की चिंताजनक स्थिति

राज्य में हाल के दिनों में सड़क दुर्घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में शासकीय कर्मियों की मृत्यु हुई है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को पत्र लिखकर इस समस्या को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। पत्र में उन्होंने मोटरयान (संशोधन) अधिनियम, 2019 का हवाला देते हुए कहा है कि वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है।

शासकीय कर्मियों के लिए विशेष निर्देश

मुख्य सचिव के निर्देशों में यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि सभी शासकीय कर्मियों तक यह संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचे। संबंधित विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इन निर्देशों का पालन करवाएं। अधिकारियों से कहा गया है कि वे शासकीय कर्मियों को हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग की अनिवार्यता के प्रति जागरूक करें और यह सुनिश्चित करें कि नियमों का सख्ती से पालन हो।

मोटरयान अधिनियम के प्रावधान

मोटरयान (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार, वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करना कानूनी रूप से अनिवार्य है। इस अधिनियम के तहत उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए अब शासकीय कर्मचारियों के लिए इसे और सख्त बना दिया है।

सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता

राज्य सरकार का यह निर्णय सड़क सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देने का संकेत है। सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु और चोटों की दर को कम करने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है। शासकीय कर्मी, जो विभिन्न विभागों में सेवाएं देते हैं, वे सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

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पालन न करने पर सख्त कार्रवाई

मुख्य सचिव के निर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि जिन शासकीय कर्मियों द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाएगा, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम न केवल कर्मियों की सुरक्षा के लिए बल्कि उनके माध्यम से अन्य नागरिकों को भी प्रेरित करने के लिए लिया गया है।

जागरूकता अभियानों की तैयारी

सरकार ने सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाने की योजना बनाई है। इसके तहत शासकीय कार्यालयों, संस्थानों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे। इन अभियानों का उद्देश्य शासकीय कर्मियों और आम जनता दोनों को सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाना और नियमों का पालन सुनिश्चित करना है।

भविष्य में और कड़े कदम संभव

राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि अगर इन प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आती है, तो भविष्य में और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इस दिशा में, वाहन चालकों की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करने और जुर्माने की राशि बढ़ाने जैसे प्रावधानों पर विचार किया जा सकता है।

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