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PM मोदी ने दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने पर डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई, कहा- साथ मिलकर करेंगे काम

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को शपथ लेने पर दी बधाई और भारत-अमेरिका के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की उम्मीद जताई। जानें इस ऐतिहासिक शपथ ग्रहण के बाद दोनों देशों के लिए क्या मायने रखते हैं!

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण पर बधाई। मैं एक बार फिर साथ मिलकर काम करने, दोनों देशों को लाभ पहुंचाने और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए तत्पर हूं। आने वाले सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।”

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर 2024 में हुए थे, और डोनाल्ड ट्रंप ने इस चुनाव में शानदार जीत हासिल की। चुनाव में जीत के बाद, पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर बधाई दी थी। इस दौरान पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा था, “मेरे मित्र राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई, उन्हें उनकी शानदार जीत पर बधाई दी। भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट इंगीत करता है कि भारत-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण समन्वय और सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में दोनों नेताओं के बीच अच्छा तालमेल रहेगा। दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, और रक्षा सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर और अधिक चर्चा की संभावना है।

डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने के बाद पीएम मोदी ने भेजा पत्र

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को ट्रंप के लिए एक विशेष पत्र भेजा। यह पत्र अमेरिका के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व का हिस्सा था। विदेश मंत्री जयशंकर अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थिति दर्ज करने के लिए भेजे गए थे, जो कि भारत की सामान्य परंपरा के अनुरूप है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी का पत्र दर्शाता है कि भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई दिशा में काम करने की योजनाएं बनाई जा रही हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती हैं। भारत ने यह संदेश स्पष्ट किया है कि वह अपने संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत से अन्य नेताओं का शपथ ग्रहण समारोह में प्रतिनिधित्व

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने अन्य देशों के शपथ ग्रहण समारोह में अपने विशेष दूत भेजे हैं। इससे पहले मई 2023 में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नाइजीरिया के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। इसी तरह, तत्कालीन पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

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भारत के कई अन्य मंत्री भी इस तरह के समारोहों में शामिल हो चुके हैं, जैसे सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जो जुलाई 2024 में ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे। विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा अक्टूबर 2024 में इंडोनेशिया और मेक्सिको के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी कूटनीतिक परंपराओं का पालन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में लगातार सक्रिय है।

भविष्य में भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच सहयोग की दिशा में यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, और ऊर्जा के क्षेत्र में और अधिक समझौते होंगे। विशेष रूप से, रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे वैश्विक ऊर्जा संकट को हल करने में मदद मिल सकती है।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बेहतर संबंधों से न केवल दोनों देशों को लाभ होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शांति और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। अमेरिका और भारत की रणनीतिक साझेदारी और अधिक सुदृढ़ होगी, जो वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

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