
राष्ट्रपति भवन ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी को अस्वीकार्य और पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया है। सोनिया गांधी ने बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उन्हें ‘बेचारी महिला’ कहा था, जिसके बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ।
राष्ट्रपति भवन ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी को अस्वीकार्य बताते हुए कहा है कि इससे पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। इस विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें विभिन्न दृष्टिकोण सामने आ रहे हैं।
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सोनिया गांधी की टिप्पणी का विवरण
शुक्रवार को संसद के बजट सत्र की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना अभिभाषण प्रस्तुत किया। इसके तुरंत बाद, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अभिभाषण पर चर्चा करते हुए देखा गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सोनिया गांधी को यह कहते हुए सुना गया, “राष्ट्रपति, अंत तक बहुत थक गई थीं… बेचारी, वह मुश्किल से बोल पा रही थीं।”
राष्ट्रपति भवन की प्रतिक्रिया
- राष्ट्रपति कार्यालय ने इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बयान में कहा गया, “संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो स्पष्ट रूप से पद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, इसलिए ये अस्वीकार्य हैं।”
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हिंदी भाषाई मुहावरों की समझ का अभाव
राष्ट्रपति कार्यालय ने यह भी संकेत दिया कि संभवतः ये नेता “हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं के मुहावरे और विमर्श” से वाकिफ नहीं हैं, जिसके कारण उन्होंने इस तरह की गलत धारणा बना ली। बयान में कहा गया, “किसी भी मामले में, ऐसी टिप्पणियां गलत, दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से टालने योग्य हैं।”
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राष्ट्रपति की थकान पर स्पष्टीकरण
राष्ट्रपति भवन ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति मुर्मू किसी भी समय थकी नहीं थीं। बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति किसी भी समय थकी नहीं थीं। वास्तव में, उनका मानना है कि हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना, जैसा कि वह अपने संबोधन के दौरान कर रही थीं, कभी भी थकाऊ नहीं हो सकता है, इस विवाद के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने सोनिया गांधी की टिप्पणी को अनुचित बताया है, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक विवाद के रूप में देखा है। यह घटना संसद के बजट सत्र के दौरान हुई, जब विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही थी।
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस घटना को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ उपयोगकर्ताओं ने सोनिया गांधी की टिप्पणी की आलोचना की है, जबकि अन्य ने राष्ट्रपति भवन की प्रतिक्रिया का समर्थन किया है। यह मुद्दा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में चर्चा का विषय बना हुआ है।