
सिवान बिहार के सिवान जिले में कड़ाके की ठंड और लगातार गिरते तापमान ने जिला प्रशासन को स्कूल बंद करने का निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया। डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने जिले में कक्षा 8 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कोचिंग स्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों को 23 जनवरी से 24 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है।
तापमान में गिरावट, बच्चों पर बढ़ा ठंड का असर
सिवान में बुधवार को तापमान गिरकर 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। तेज बर्फीली हवाओं और घने कोहरे के बीच छोटे बच्चों को स्कूल जाते देखना अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया। प्रशासन ने पहले 18 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया था, लेकिन उसके बाद छुट्टियां समाप्त होने पर 20 जनवरी को स्कूल खोल दिए गए। हालांकि, तापमान में और गिरावट आने के बावजूद स्कूल खुलने से बच्चों को ठंड सहनी पड़ी।
डीएम ने क्यों लिया स्कूल बंद का फैसला?
डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने इस आदेश में साफ तौर पर कहा कि जिले में जारी शीतलहर और ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसलिए जिले के सभी प्री-स्कूल,आंगनबाड़ी केंद्र और कक्षा 8 तक की शैक्षणिक गतिविधियां दो दिनों के लिए स्थगित की जा रही हैं। हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए संचालित विशेष कक्षाओं को इस आदेश से मुक्त रखा गया है।
घना कोहरा और बर्फीली हवाएं बनीं बच्चों के लिए चुनौती
23 जनवरी को सिवान में सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा और बर्फीली हवाएं ठंड का कहर बढ़ाती रहीं। ऐसे हालातों में स्कूली बच्चे भारी बस्तों के साथ स्कूल जाते दिखे। कई बच्चों ने बताया कि तेज ठंड के बावजूद उन्हें स्कूल जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अभिभावकों ने प्रशासन की इस उदासीनता पर नाराजगी जताई, जिसके बाद डीएम ने हालात का संज्ञान लेते हुए स्कूल बंद करने का आदेश दिया।
विशेष कक्षाएं जारी रहेंगी, बड़े बच्चों के लिए समय बदला गया
डीएम के आदेश के मुताबिक, कक्षा 8 से ऊपर की कक्षाएं पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक संचालित की जाएंगी, जिससे सुबह की कड़ाके की ठंड से बच्चों को राहत मिल सके। वहीं, बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए आयोजित विशेष कक्षाओं पर इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है ठंड का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम ठंड के मौसम में अधिक संवेदनशील होता है। ऐसी स्थिति में स्कूल जाना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। डीएम ने यह भी कहा कि स्कूल प्रशासन को इस आदेश का सख्ती से पालन करना होगा, ताकि बच्चों को ठंड के प्रतिकूल प्रभावों से बचाया जा सके।
क्यों ठंड से निपटना बना चुनौतीपूर्ण?
बिहार के कई जिलों में तापमान 15 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। सिवान में 16 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। घना कोहरा और बर्फीली हवाओं ने लोगों को घरों में दुबके रहने पर मजबूर कर दिया है। इसके बावजूद स्कूल खुलने से बच्चों और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय निवासियों ने डीएम के इस निर्णय का स्वागत किया है। एक अभिभावक ने कहा, “हमने प्रशासन से उम्मीद की थी कि ठंड के इस मौसम में छोटे बच्चों के स्कूल बंद किए जाएंगे। हमें खुशी है कि डीएम ने इस पर ध्यान दिया और समय रहते कदम उठाया।