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26 जनवरी परेड पर सरकार खर्च करती है इतना पैसा! टिकट से कमाई का आंकड़ा जानकर रह जाएंगे हैरान

क्या आप जानते हैं? 26 जनवरी परेड पर खर्च होते हैं करोड़ों रुपये, टिकट बिक्री से होती है लाखों की कमाई!

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26 जनवरी परेड पर सरकार खर्च करती है इतना पैसा! टिकट से कमाई का आंकड़ा जानकर रह जाएंगे हैरान
26 जनवरी परेड पर सरकार खर्च करती है इतना पैसा! टिकट से कमाई का आंकड़ा जानकर रह जाएंगे हैरान

Republic Day Parade: भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह दिन 1950 में संविधान को अपनाने और देश को गणतंत्र घोषित करने के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। हर साल इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्त्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर भव्य परेड का आयोजन होता है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड का विषय ‘स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास’ है। परेड सुबह 9:30 बजे रायसीना हिल से शुरू होकर कर्त्तव्य पथ, इंडिया गेट और लाल किले तक जाएगी।

600 घंटे की प्रैक्टिस से सजती है परेड

गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी जुलाई महीने में ही शुरू हो जाती है। प्रतिभागियों को उनकी भूमिकाओं के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें आयोजन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। परेड में हिस्सा लेने वाले लोग 600 घंटे से अधिक की प्रैक्टिस करते हैं ताकि इस आयोजन को बेहतरीन और यादगार बनाया जा सके। इस वर्ष इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को परेड के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

टिकट से होने वाली कमाई

गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए रक्षा मंत्रालय ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से टिकट बुकिंग की सुविधा प्रदान करता है। टिकट बिक्री से सरकार को हर साल लाखों रुपये की कमाई होती है। एक आरटीआई के अनुसार, 1999 में टिकट बिक्री से 10 लाख 45 हजार 720 रुपये की आय हुई थी। यह आंकड़ा 2008 में बढ़कर ₹17 लाख 63 हजार 021 हो गया।

2021-22 में सरकार ने टिकट बिक्री के माध्यम से औसतन ₹34 लाख की कमाई की। हालांकि यह आयोजन केवल टिकट बिक्री से होने वाली आय पर निर्भर नहीं करता, बल्कि इसका आयोजन रक्षा मंत्रालय और केंद्र सरकार के बजट से किया जाता है।

परेड पर कितना खर्च होता है?

गणतंत्र दिवस परेड पर होने वाले खर्च के बारे में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में रक्षा मंत्रालय के समारोह प्रभाग को ₹1 करोड़ 32 लाख 53 हजार रुपये आवंटित किए गए थे। हालांकि, परेड पर कुल खर्च की जानकारी आधिकारिक तौर पर साझा नहीं की गई है। यह स्पष्ट है कि परेड के आयोजन में लाखों रुपये खर्च होते हैं, जो सैन्य प्रदर्शन, झांकियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च किए जाते हैं।

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गणतंत्र दिवस परेड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता

गणतंत्र दिवस परेड न केवल भारत के सैन्य और सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह देश की विविधता और एकता का प्रतीक भी है। इसमें भारत के विभिन्न राज्यों की झांकियां, स्कूल के बच्चों की प्रस्तुतियां और भारतीय सैन्य बलों की परेड शामिल होती है। परेड के माध्यम से देश की ताकत, धरोहर और उपलब्धियों को दर्शाया जाता है।

टिकट खरीदने का अनुभव

परेड के लिए टिकट खरीदने का अनुभव भी विशेष होता है। टिकट की कीमतें विभिन्न श्रेणियों में विभाजित होती हैं, जिससे हर वर्ग के लोग इस आयोजन का आनंद उठा सकें। टिकट की बिक्री का बड़ा हिस्सा आयोजन की लागत को संतुलित करने में मदद करता है।

गणतंत्र दिवस परेड: गर्व और गौरव का प्रतीक

गणतंत्र दिवस परेड केवल एक समारोह नहीं, बल्कि भारत की शक्ति, संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यह आयोजन हर भारतीय के दिल में गर्व और उत्साह का भाव भर देता है। यह परेड एक ऐसा आयोजन है, जिसका हिस्सा बनकर हर कोई अपने देश की विविधता और प्रगति को करीब से महसूस करता है।

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